14 फरवरी यानि वैलेंटाइंस डे या प्यार का दिन है। वैसे तो प्यार या प्रेम जैसी भावना की अभिव्यक्ति किसी दिन या मूहुर्त की मोहताज नहीं होती। प्यार करने वालों के लिए हर दिन प्यार दिवस होता है। वैलेंटाइन डे भारत समेत कई देशों में जोश के साथ मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी जोडे़ एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार करते हैं अपने प्रियजनों को तोहफे देते हैं।। वैलेंटाइंस को 14 फरवरी को मनाने के पीछे एक कहानी है।
वैलेंटाइन डे की कहानी
रोम में एक पादरी थे, उनका नाम संत वैलेंटाइन था। संत वैलेंटाइन प्यार में यकीन रखते थे, दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने का काम करते थे। प्रेम का प्रसार उनके जीवन का मकसद था।
वहाँ के राजा क्लौडियस संकुचित विचारधारा से ग्रसित थे। उनको वैलेन्टाइन की प्यार को बढा़वा देने के कृत्य से नफरत थी। राजा की सोच थी कि प्रेम और विवाह से सैनिकों और अधिकारियों की बुद्धि और शक्ति दोनों ही भ्रष्ट होती हैं। प्यार और विवाह के शिकंजे में फंसकर उसके सैनिक, अधिकारी और प्रजा उसके प्रति वफादार नहीं रहेंगे और अपने कर्तव्य से उनका ध्यान भटकेगा। उसने आदेश जारी किया कि कोई भी सैनिक और अधिकारी प्यार या शादी नहीं करेगा।
संत वैलेंटाइन ने राजा क्लॉडियस ने राजा के इस बेतुके आदेश का विरोध किया और रोम की जनता, सैनिकों और अधिकारियों को प्यार का पाठ पढ़ाया और विवाह के लिए प्रेरित किया। उसने कई अधिकारियों और सैनिकों की शादियां भी कराई।
राजा क्लौडियस वैलेन्टाइन के इस कृत्य से बौखला उठा। उसने संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी 269 में फांसी के फंदे लटकाने का फरमान जारी किया। 14 फरवरी की मुकर्रर दिन संत वैलेन्टाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया। प्रेम के फरिश्ते ने जाते जाते रोम ही नहीं सारे विश्व में प्रेम की ज्योति सबके दिलों में जला दिया। इतना ही नहीं फांसी से पहले वैलेन्टाइन ने जेलर की बेटी जैकोबस को अपनी आंखें दान कर दी और एक पत्र दिया जिसमें लिखा था ‘तुम्हारा वैलेन्टाइन’। प्यार के इस अद्भुत कहानी का उल्लेख ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ नाम की किताब में मिलता है।
प्यार में यकीन करने वालों के लिए यह दिन किसी त्योहार से कम नहीं होता। अपने भावनाओं की अभिव्यक्ति, जज्बातों को बयान करने की सबसे सुनहरा दिन वैलेन्टाइन डे होता है। युवाओं का ये आठ दिवसीय पर्व ‘रोज डे’ (Rose day 7 Feb) से शुरू होता है, फिर प्रपोज डे, चौकलेट डे, टेडी डे, हग डे, किस डे और आठवें दिन वैलेंटाइन्स डे के रुप में मनाते हैं और इस पूरे सप्ताह को वैलेंटाइन्स वीक (Valentine’s week) कहते हैं।
आज के व्यस्त जीवनशैली (lifestyle) में अपने प्रियजनों को प्रेम जताने और रिश्तों में मिठास लाने, अपने समर्पण की भावना का दिन है 14 फरवरी।
हमारी भारतीय संस्कृति में भी प्रेम को बहुत ही पवित्र स्थान दिया गया है। प्रेम का तो सृष्टि के कण कण में है। प्रेम का दायरा बहुत बड़ा है, यह प्रेमी जोड़े या पति- पत्नी तक सीमित नही है। प्रेम वो डोर है जो भगवान का भक्त से, गुरु का शिष्य से, मनुष्य का मनुष्य से जोड़ता है। प्रेम में इतनी शक्ति होती है जो दुनिया के किसी आयुध में नहीं। सद्गुरु कबीर के शब्दों के मर्म को समझें
“ पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ, पंडित भया ना कोय।
ढ़ाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।।“
अर्थात् बड़ी बड़ी किताबें पढ़कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु की द्वार पर पहुंच गए, पर कोई विद्वान नहीं हुआ। किंतु प्यार के ढ़ाई अक्षर का ज्ञान जिसे हो जाए , वही वास्तविक रूप में पंडित होता है।
जय हिन्द