नींबू का वानस्पतिक नाम (Botanical Name) सिट्रस ऑरेन्टिफोलिया (Citrus aurantifolia)
नींबू पानी गर्मी के मौसम की सर्वाधिक पसंदीदा और राहत देने वाला पेय है। गर्मियों में प्यास बुझाने का यह बेहतरीन उपाय है। कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) करने के लिए और शरीर मे विटामिन सी की आपूर्ति हेतु डॉक्टर भी नींबू के सेवन की सलाह दे रहें हैं। नींबू के औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में नींबू का अत्यधिक महत्व है।
12 महीने मिलने वाला यह फल स्वाद में खट्टा होता और साइट्रस (citrus) फल है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। नींबू में स्वाद और गुण असीमित हैं। इसका उपयोग पेय, अचार या सब्जियों में स्वाद बढ़ाने के लिए होता है।
नींबू की कई जातियां पाई जाती है, जैसे- कागजी नींबू (kagzi nimbu), बिजौरी नींबू, जम्मीरी नींबू, मीठा नींबू इत्यादि। औषधी के रूप में कागजी नींबू का ही प्रयोग करना चाहिए कागजी नींबू सर्वोत्तम माना जाता है। इसके छिलके पतले होतें हैं और रस भी ज्यादा होता है। यह खट्टा होते हुए भी क्षारीय गुणों से युक्त है।
Table of contents
- परिचय (Introduction)
- नींबू के फायदे और उपयोग
- नींबू की हेल्दी चटनी कैसे बनाऐं
- नींबू के त्वचा संबंधी उपयोग
- अनचाहे बाल हटाने में नींबू का उपयोग
- नींबू से होनेवाले नुकसान
नींबू के फायदे और उपयोग
गर्मी के मौसम में नींबू की शिकंजी प्यास बुझाने, थकान मिटाने और तरो-ताज़ा करने वाली सबसे पसंदीदा पेय होती है।
- कागजी नींबू (Kagzi Nimbu) के रस को दिन में 2-3 बार सेवन करने से दस्त में राहत होती है।
- कागजी नींबू हल्की खट्टी और सुपाच्य ( digestive ) होती है, यह भूख बढा़ता (appetite) है, गैस की समस्या दूर करता है। यह वात, पित्त और कफ (gas, Acidity & cough) तीनों ही विकारों के निदान हेतु लाभदायक होता है।
- उबले पानी को ठंडी कर इसमें नींबू के रस और एक चुटकी जवाखार को मिलाकर पीने से पेट के आंव, कफ और गैस की समस्या ठीक होती है। उदर शूल का रोग दूर होता है।
- किसी भी रोग की वजह से खाने में अरुचि और स्वाद नहीं लगने पर सोंठ, पीपल और काली मिर्च के पाउडर को मिलाकर नींबू पानी पीने से भूख नहीं लगने की समस्या दूर होती है।
- मोटापा (obesity) बढ़ने पर सुबह खाली पेट नींबू पानी और शहद गुनगुने पानी में पीने से चर्बी घटती है और स्वास्थ्य अच्छा होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 1-2 औंस नींबू का रस एक गिलास गुनगुने पानी में सुबह खाली पेट शहद (honey) के साथ मिलाकर पीने लाभ होती है।
- ताजी कागजी नींबू का रस (750 ग्राम), भूना सुहागा पाउडर (40-50ग्राम) काला नमक (20-25 ग्राम), सेंधा नमक (30ग्राम), भूना जीरा (10 ग्राम), हींग पाउडर (4-5 ग्राम) के मिश्रण का गुनगुने पानी के साथ सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।
इसके सेवन से भूख लगती है और गैस से पेट या छाती में होने वाली दर्द से निजात मिलती है। शरीर हल्का लगता है।
- नींबू को काटकर इसे तवे पर हल्का सेंक कर काला नमक लगाकर चाटने से बुखार या बीमारी के बाद स्वाद नहीं आने और भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती है।
- नींबू विटामिन C का मुख्य स्रोत है। 1 औंस नींबू के रस में 32 gm साइट्रिक एसिड होती है। अतः नींबू में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है। नींबू के सेवन से स्कर्वी रोग भी ठीक होता है।
- नींबू का उपयोग पेट के कीड़ों का निदान करने के लिए, पेट दर्द से आराम पाने के लिए, भूख बढ़ाने के लिए, पित्त और कफ जैसे विकारों को ठीक करने के लिए कारगर होती है, साथ ही अन्य रोगों में भी इसका सेवन उपयुक्त होती हैं।
- पेट में कीड़े की शिकायत दूर हेतु नींबू का रस, सोंठ, पीपल, काली मिर्च के पाउडर को दही और शक्कर के साथ सेवन से लाभ होता है।
- बेचैनी, चक्कर, कमजोरी होने, लू लगने, प्यास बहुत लगने और पित्त बढ़ने (Acidity), सीने में जलन लगने पर नींबू की शिकंजी पीने से आराम मिलता है।
- अजीर्ण, कब्ज, मंदाग्नि, गैस जैसी समस्या मेंअ नींबू की चटनी रामबाण का काम करती है।
नींबू की हेल्दी चटनी कैसे बनाए?
- बिना बीज के काले मुनक्के (100 ग्राम), 10-10 ग्राम इलायची, भूना जीरा और लौंग 200 ग्राम नींबू के रस लें। चीनी (40 ग्राम), हींग (2 ग्राम) और सेंधा नमक (20 ग्राम) लें। सभी मसालों को कूट कर छान लें। हल्के आंच पर पैन में पकाएं। तैयार चटनी को दिन में दो बार सेवन करें।एक नींबू के रस में थोड़ी अदरक एवं थोड़ा काला नमक मिलाकर सेवन करने से गठिया या जोड़ों के दर्द में फायदा होता है।
- नींबू का रस से किडनी में पथरी (Kidney Stone) को बनाने से रोकता है, नींबू में मौजूद तत्व एक्सट्रेक्ट कैल्शियमऑक्सलेट (Extract Calcium oxalate) के कणों को किडनी में जमा नहीं होने देता है।
- खून की कमी या एनीमिया में नींबू का सेवन बहुत लाभदायक होता है। नींबू के सेवन से शरीर में आयरन की कमी दूर होती है, क्योंकि नींबू मे मौजूद विटामिन-सी रक्त में आयरन को अवशोषण को बढ़ाती में है।
- नींबू में विटामिन-सी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण होने के कारण यह ह्रदय के लिए भी लाभदायक होता है।
- नींबू में विटामिन सी होने के कारण यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है।
- नींबू रस (2 tsp), भूनी अजवायन (1 tbsp) और सेंधा नमक (स्वादानुसार) मिलाकर खाने से लिवर संबंधित रोगों में फायदा होता है।
- नींबू के रस और मिश्री को गुनगुने पानी में सुबह पीने से लिवर स्वस्थ होता है और लिवर संबंधी विकार दूर होते हैं।
- कीड़े-मकौड़ों के काटने पर काटने वाले स्थान पर नींबू का रस लगाने से राहत मिलती है।
- पित्त की समस्या से बढ़ जाने, प्यास बहुत लगने, बेचैनी होने, चक्कर आने, कमजोरी या लू लगने से और पेट या छाती में जलन लगी तो नींबू की शिकंजी पीने से तुरंत आराम ई होता है।
- कब्ज और पेट में कीड़े की समस्या होने से खाने में भी अरुचि होती है इस समस्या का है समाधान हेतु नींबू का रस सूट पीपल खट्टा दही चीनी मिलाकर जरूरत के अनुसार है स्वाद के अनुसार इसका सेवन करें
- वजन बढ़ने, सांस फूलने, अधिक पसीने आने की समस्या से निदान हेतु नींबू के 50 ग्राम रस, जौ के सत्तू 25 ग्राम, आंवले चूर्ण 25 ग्राम, सेंधा नमक 3 ग्राम, जवाखार 2 ग्राम और आधा गिलास पानी मिलाकर दिन में दो बार पीने से सभी समस्या दूर हो जाती है।
- एक नींबू के रस में थोड़ी अदरक एवं थोड़ा काला नमक मिलाकर सेवन करने से गठिया या जोड़ों के दर्द में फायदा होता है।
- छोटे बच्चों में कुपोषण के कारण शारीरिक विकास कमी, हड्डियों का समुचित विकास ना होने के लक्षण होना, शरीर में विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी (Vitamin A,C &B) और अन्य पोषक तत्वों की कमी और भोजन में पोषक तत्वों की कमी की वजह से होता है। ऐसे में बच्चों को सुबह शाम दो बार नींबू का हरीरा देने से लाभ होता है।
- आंतों में दिक्कत आने, पेट के कीड़े मारने, खाने में रुचि पैदा करने, पेट साफ करने, आंतों की शक्ति बढ़ाने और दूध पीने में रूचि पैदा करने के लिए, नींबू का मुरब्बा खाना चाहिए यह बहुत लाभकारी होता है।
नींबू का त्वचा संबंधी उपयोग
त्वचा (Skin) को स्वस्थ, कांतिमय ( Glowing) और नरम बनाने के लिए और चर्मरोगों के उपचार में नींबू के औषधीय गुणों की अहम भूमिका होती है।
- खीरे का रस या दही में नींबू का रस 2-4 बूंद डालकर चेहरे पर मलने से रंग गोरा होता है और निखार आता है और त्वचा दमकने लगती हैं।
- नींबू के रस में शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे के कील-मुहांसे और झुर्रियां ठीक हो जाती हैं।
- नींबू, तुलसी और काली कंसौदी का रस बराबर मिलाकर धूप में रखें। जब वह गाढ़ा हो जाय तो मुंह पर मलें। यह मुहांसों को दूर कर देता है।
- बालों से रूसी (dandruff) की समस्या से निजात के लिए नींबू का इस्तेमाल फायदेमंद।होता है। नींबू के रस (nimbu pani ke fayde) में आंवला के फलों को पीस लें। इसे बालों में लगाने से रूसी मिटती है, तथा बालों का झड़ना रुकता है।
- दाद, खाज, चमड़ी पर काले दाग आदि रोगों पर नींबू को काटकर रगड़ने से लाभ होता है।
- मेलाज्मा के उपचार (Melasma Treatment) में भी नींबू का प्रयोग काफी कारगर साबित होता है। अक्सर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान या अन्य कारणों से चेहरे पर हल्के भूरे धब्बे (brown spots ) की समस्या देखी जाती है।
नींबू के रस और गुलाब जल से चेहरे पर हल्के हाथों से मालिश करें, फिर 10 मिनट बाद साफ पानी से चेहरे को धो लें। इससे धीरे-धीरे धब्बे हल्के होने लगते हैं। जल्द ही सकारात्मक असर दिखाई देती है।
- नींबू के फल का रस का रोज प्रयोग करने से त्वचा संबंधी रोग में लाभ मिलता है।
- नींबू के रस में करौंदा की जड़ को पीसकर लगाने से खाज या खुजली में तुरंत लाभ होता है।
- जीभ पर हुए छालों और मुंह से बदबू की समस्या में जीभ मसूड़ों पर नींबू का छिलका रगड़ने से छाले ठीक होते हैं और मुंह संबंधी समस्या में राहत होती है।
चेहरे से अनचाहे बाल हटाने के लिए भी नींबू का प्रयोग होता है।
नींबू का रस (2 tsp), शक्कर (2tsp) और गुनगुना पानी (4-5 tbsp) को मिलाकर गाढ़ा घोल बना लें। इसे त्वचा पर 10-15 मिनट के लिए लगाकर, मसाज करके साफ करने से अनचाहे बाल से मुक्ति मिलती है।
नींबू से होनेवाले नुकसान ( Precautions)
- नींबू की प्रकृति अम्लीय (Acidic) होती है। नींबू से होने वाले नुकसान का कारण इसकी उच्च अम्लीय प्रवृत्ति हैं। वैसे इससे नुकसान इसके अत्यधिक प्रयोग से ही होता है।
- रिसर्च के स्वस्थ दांतों को भी अधिक नींबू पानी के सेवन से नुकसान होता है। इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड दांतों के एनामल (Enamels) को नुकसान पहुंचते हैं।
- आवश्यकता से ज्यादा नींबू पानी का सेवन से शरीर में पानी और सोडियम की कमी हो जाती है। क्योंकि जरूरत से ज्यादा इसे पीने से बार-बार पेशाब के जरिए शरीर से पानी और सोडियम का ह्रास होता है और कमजोरी भी लगती है।
(नोट - उपर्युक्त जानकारी घरेलू चिकित्सा के लिए दी गई जानकारी है, इसे दवा का विकल्प नहीं समझें। किसी भी बीमारी और समस्या में अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।)